Friday, August 25, 2023

Biodata (Sanskrit): Dr. Harekrishna Meher (परिचायिका : डॉ. हरेकृष्ण-मेहेर:)

डॉ. हरेकृष्ण-मेहेर: 
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हरेकृष्ण-मेहेरः आधुनिक-संस्कृत-साहित्यस्य अन्यतमः सुपरिचितः सारस्वत-साधकः । 
स कविः संस्कृत-विद्वान्, अध्यापकः, गवेषकः, समालोचकः, गीतिकारः, स्वर-रचनाकारः, 
सुवक्ता मौलिक-लेखकः सफलानुवादकश्च । 
ओड़िशा-राज्यस्य नूआपड़ा-जिल्लान्तर्गते सिनापालि-ग्रामे १९५६- ईसवीय-वर्षे 

कवि-परम्परा-वाहिनि वंशे स लब्ध-जन्मा । 
तस्य पिता दिवंगतः कविः नारायण-भरसा-मेहेर:, माता श्रीमती सुमती देवी । 

पितामहः दिवंगतः कविः मनोहर-मेहेरः ओड़िआ-साहित्ये पश्चिम-ओड़िशायाः 'गणकवि'-रूपेण चर्चितः । 

कवेः शिक्षा : 
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सिनापालि-उच्च-विद्यालये अध्ययन-पूर्वकम् ओड़िशायाः माध्यमिक-शिक्षापरिषदः 
माट्रिकुलेशन् (१९७१, प्रथम श्रेणी); 

गङ्गाधर-मेहेर-महाविद्यालये अध्ययन-पूर्वकम् सम्बलपुर-विश्वविद्यालयतः 
प्राक्-विश्वविद्यालय(पी.यू.)- (१९७२) तथा बी.ए. प्रथम वर्ष कला (१९७३, प्रथम श्रेणी) । 

कटक-स्थिते रेवेन्शा-महाविद्यालये अध्ययन-पूर्वकम् उत्कल-विश्वविद्यालयात् 
स्नातक-संस्कृत-सम्माने (ऑनर्स) प्रथम-श्रेणीषु प्रथमः (१९७५) । 

बनारस-हिन्दु-विश्वविद्यालयात् उपाधित्रयम् * * 

एम्.ए. संस्कृते स्वर्णपदक-प्राप्त: (१९७७), पीएच्.डी. संस्कृतम् (१९८१), 
डिप्लोमा-इन्-जर्मन् (१९७९) । 

बी.ए. संस्कृत-ऑनर्स-परीक्षायां सर्वोच्च-स्थानाधिकार-प्राप्ति-हेतोः  रेवेन्शा-महाविद्यालयात् 

जगन्नाथमिश्र-स्मारकी-पुरस्कार-प्राप्तः । 

एम्.ए.-संस्कृत-परीक्षायां सर्वोच्च-स्थान-प्राप्ति-हेतोः 

बनारस-हिन्दु-विश्वविद्यालय-स्वर्णपदकम्, 
श्रीकृष्णानन्द-पाण्डेय-सहारनपुर-स्वर्णपदकम्, 
काशीराज-पदकं च प्राप्य पुरस्कारेण सम्मानितः । 

सारस्वत-सेवा : 
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हरेकृष्ण-मेहेरः १९८१-वर्षे ओड़िशा-शिक्षा-सेवायां संस्कृताध्यापक-रूपेण नियुक्तः । 
बरगड़स्थ-पञ्चायत-महाविद्यालये, बालेश्वरस्थ-फकीरमोहन-महाविद्यालये, 
भवानीपाटनास्थ-सर्वकारीय-महाविद्यालये च  अध्यापनां कृतवान् । 
सम्बलपुर-स्थिते  गङ्गाधर-मेहेर-स्वयंशासित-महाविद्यालये 
स्नातकोत्तर-संस्कृत-विभागस्य वरिष्ठ-प्रवाचक-रूपेण  विभागाध्यक्ष-रूपेण च 
कार्यं सम्पाद्य २०१४-वर्षस्य मई-मासे  सेवा-निवृत्तः ।  

ओड़िआ-हिन्दी-आङ्ग्ल-संस्कृत-कोशली-भाषासु स कृतविद्यो लेखकः । 


तस्य अनुवादेषु ओड़िआ-प्रकृतिकवि-गङ्गाधरमेहेर-कृतस्य तपस्विनी-महाकाव्यस्य 

संस्कृत-हिन्दी-आङ्ग्ल-पद्यानुवादाः, 

भर्त्तृहरिशतकत्रय-कुमारसम्भव-ऋतुसंहार-मेघदूत-रघुवंश-नैषध(नवमसर्ग)-गीतगोविन्द-                                
श्रीमद्भगवद्गीतादीनां संस्कृत-ग्रन्थानाम् ओड़िआ-छन्दोबद्ध-पद्यानुवादाः, 
कालिदासीय-मेघदूत-काव्यस्य कोशली-गीत-रूपान्तरं च तस्य रचना-नैपुण्यं प्रकाशयन्ति । 

राष्ट्रीय-अन्ताराष्ट्रीय-स्तरीय-पत्रपत्रिकासु तस्य शोधलेख-निबन्ध-कवितादयः प्रकाशिताः सन्ति । 

तेन विश्वसंस्कृतसम्मेलन-राज्यस्तरीय-सम्मेलनेषु शोधलेख-परिवेषण-समेतं कवि-सम्मेलनेषु 
मौलिक- कविता-पठनं सक्रिय-योगदानं च कृतम् । 
आकाशवाणी-दूरदर्शनेषु तस्य लेख-परिचर्चा-कवितादयः प्रसारिताः । 

संस्कृतस्य आधुनिकीकरण-सरलीकरण-दिशासु एतस्य कवेः सारस्वतावदानमुल्लेखनीयम् । 

आधुनिक-संस्कृत-साहित्ये स्वीय-काव्यगुणैः सर्जनशील-शोधलेखैश्च 
स स्वतन्त्र-स्थानमधिकरोति । पदलालित्य-समेतं सङ्गीतमयत्वम् अस्य गीतिकवेः 
काव्य-रचनायाः विशेषत्वम् । 

मातृगीतिकाञ्जलिः, पुष्पाञ्जलि-विचित्रा, स्वस्तिकविताञ्जलिः, सारस्वतायनम्, सौन्दर्य-सन्दर्शनम्, 

सावित्रीनाटकम्, जीवनालेख्यम्, मौनव्यञ्जना, अस्रमजस्रम्, हासितास्या वयस्या, 
उत्कलीय-सत्कला, स्तवार्चन-स्तवकम्, सूक्ति-कस्तूरिका, मेहेरीय-छन्दोमाला चेत्यादीनि 
तस्य संस्कृत-काव्यानि प्रबन्ध-ग्रन्थाश्च । 

अयं कविः गङ्गाधर-सम्मानः, गङ्गाधर-सारस्वत-सम्मानः, 

जयकृष्णमिश्र-काव्य-सम्मानः, विद्यारत्न-प्रतिभा-सम्मान:, 
अशोकचन्दन-स्मारक-सम्मान:, आचार्य-प्रफुल्लचन्द्र-राय-स्मारक-सम्मानः, 
हरिप्रियामुण्ड-स्मारकी-गङ्गाधर-मेहेर-सम्मानः, ‘कोशली मेघदूत’-पुस्तकार्थं 
सम्बलपुर-विश्वविद्यालय-प्रदत्तः डा.नीलमाधव-पाणिग्राही-सम्मानः, 
वाचस्पति-गणेश्वर-रथ-वेदान्तालङ्कार-सम्मानः, विश्व-संस्कृत-दिवस-सम्मानः, 
राज्यस्तरीय-गङ्गाधर-मेहेर-स्मृतिसम्मानः, सर्वश्री-साहित्य-सम्मानः, गीतिसंस्कृत-महाकवि: राष्ट्रिय-सम्मान:, व्यासभारती-सम्मान: चेत्यादिभिः समलङ्कृतः तथा अनेकैः सारस्वत-सास्कृतिकानुष्ठानैः 
मानपत्र-समेतं संवर्धितः । तस्य अनेकानि पुस्तकानि प्रकाशितानि सन्ति । 

स ओड़िशा-साहित्य-अकादम्या: पूर्वतन-सदस्य: । 
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Biodata Details: Dr. Harekrishna Meher : Works and Achievements : 
Link :  http://hkmeher.blogspot.com/2007/07/my-biodata.html
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Interview with Dr.Harekrishna Meher: Published in ‘Bartika’ Magazine (2017): 
Hindi Version: Link : 

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Interview with Dr.Harekrishna Meher: Sanskrit Saptahiki, All India Radio, New Delhi: 12 June 2021: 

http://hkmeher.blogspot.com/2021/08/interview-with-dr-harekrishna-meher-by.html

YouTube Link : https://youtu.be/n0XPok3m-rM 

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Contributions of Harekrishna Meher to Sanskrit Literature: 

सङ्केतः
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Dr. HAREKRISHNA MEHER
Retired Sr. Reader and Head, 
Post-Graduate Department of Sanskrit, 
Gangadhar Meher Autonomous College, 
SAMBALPUR - 768004, Orissa (India) 

Mobile : +91-94373-62962 
e-mail : meher.hk@gmail.com 
website : http://hkmeher.blogspot.com 
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Friday, May 14, 2021

BIODATA: HINDI : Dr. HAREKRISHNA MEHER (डा. हरेकृष्ण मेहेर : परिचय)

परिचय-पत्रिका 
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डॉ. हरेकृष्ण मेहेर 

जन्म-दिनांक : ५ मई १९५६ 
जन्मस्थान : सिनापालि (ओड़िशा) 
पिता : कवि नारायण भरसा मेहेर 
माता : श्रीमती सुमती देवी 
पत्‍नी : श्रीमती कुन्तला कुमारी मेहेर   
मातृभाषा : ओड़िआ 
राष्ट्रीयता : भारतीय * 

शिक्षा : 
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सिनापालि उच्च विद्यालय, माध्यमिक शिक्षापरिषद्, ओड़िशा से 
माट्रिकुलेशन् (१९७१, प्रथम श्रेणी); 
गङ्गाधर मेहेर महाविद्यालय, सम्बलपुर विश्वविद्यालय से 
प्राक्-विश्वविद्यालय (पी.यू.) - (१९७२) एवं प्रथम वर्ष डिग्री कला (१९७३, प्रथम श्रेणी); 
रेवेन्शा महाविद्यालय कटक में अध्ययन पूर्वक उत्कल विश्वविद्यालय से
बी.ए. संस्कृत अनर्स, प्रथम श्रेणी में प्रथम (१९७५) ; 
बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय से तीन उपाधियाँ * *  एम्.ए. संस्कृत, प्रथम श्रेणी में प्रथम, स्वर्णपदक प्राप्त (१९७७),
पीएच्.डी. संस्कृत (१९८१), डिप्लोमा इन् जर्मन् (१९७९). 

* विशेष विषय : भारतीय दर्शन । 
* पीएच्.डी. शोध-विषय : Philosophical Reflections in the Naishadhacharita.

* बी.ए. संस्कृत आनर्स में सर्वोच्च स्थान अधिकार हेतु 
   रेवेन्शा महाविद्यालय से जगन्नाथ मिश्र स्मारकी पुरस्कार प्राप्त । 

* एम्.ए. संस्कृत परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्ति हेतु 
   बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय-स्वर्णपदक, श्रीकृष्णानन्द पाण्डेय सहारनपुर-स्वर्णपदक, 
   काशीराज-पदक एवं पुरस्कार से सम्मानित । 

* अध्यापक, कवि, गवेषक, समालोचक, प्राबन्धिक, गीतिकार, स्वर-रचनाकार, 
    सुवक्ता एवं सफल अनुवादक के रूप में परिचित । 

* ओड़िआ, हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत एवं कोशली – पाँच भाषाओं में मौलिक लेखन 
   तथा अनेक श्रेष्ठ काव्यकृतियों के छन्दोबद्ध अनुवाद । 

* राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की पत्रपत्रिकाओं में शोधलेख, प्रबन्ध और कविता आदि प्रकाशित । 
* अनेक मौलिक और अनूदित पुस्तकें प्रकाशित । 

* अन्तर्जाल पर अनेक पत्रिकाओं में तथा अपने वेब्‌साइट् में कई लेख प्रकाशित । 

* विश्वसंस्कृत-सम्मेलनों, राज्यस्तरीय अनेक सम्मेलनों एवं संगोष्ठियों में 
   शोधलेख परिवेषण तथा कवि-सम्मेलनों में सक्रिय योगदान ।

* संस्कृत के सरलीकरण और आधुनिकीकरण की दिशा में विशेष प्रयत्नशील । 
* अपने उद्भावित मौलिक छन्दों में आधुनिक संस्कृत गीति-रचना तथा स्वर-रचना ।

* आकाशवाणी-दूरदर्शन आदि में लेख, परिचर्चा और कविताएँ प्रसारित । 

* डीडी न्यूज् - चैनल दिल्ली के  'वार्तावली' कार्यक्रम में अनेक हिन्दी चलचित्र-गीतों के स्वकृत संस्कृत गीतानुवाद वीडियो प्रसारित एवं यू-ट्यूब् पर स्थापित ।

* पितामह दिवंगत कवि मनोहर मेहेर पश्चिम ओड़िशा के “गणकवि” के रूप में सुपरिचित । 
   कवि-परम्परा से मौलिक सर्जनात्मक-प्रतिभासम्पन्न डॉ. मेहेर की भाषा-साहित्य एवं 
   सङ्गीत कला में विशष अभिरुचि । आधुनिक संस्कृत साहित्य के अन्यतम गीतिकवि के रूप में प्रतिष्ठित ।

* कई उपलक्ष्यों में स्वरचित संस्कृत-गीतियाँ एवं कोशली गीत एकल तथा वृन्दगान के 
   रूप में परिवेषित । 

* हाथरस  उत्तरप्रदेश की लोकप्रिय ‘संगीत’ पत्रिका में अपनी मौलिक नवीन छन्दोबद्ध 
   संस्कृत गीतियों सहित स्वरचित स्वरलिपियाँ प्रकाशित । 
   प्रसिद्ध संगीतकार पण्डित एच्. हरेन्द्र जोशी- रचित स्वरलिपियाँ भी वहाँ प्रकाशित । 
   डॉ. मेहेर-कृत संस्कृत गीत “नववर्ष-गीतिका” की आडियो कैसेट् एवं वीडियो कैसेट् 
   मध्यप्रदेश की रतलाम एवं जावरा आदि नगरियों में स्थानीय टी.वी. चैनलों पर प्रसारित । 

* कुछ विश्वविद्यालयों के प्रस्तुत शोध-ग्रन्थों में तथा अन्यत्र अनेक विद्वानों के शोधलेखों में 
   डॉ. मेहेर संस्कृत कवि एवं मौलिक लेखक के रूप में संस्कृत गीतियों सहित चर्चित । स्वतन्त्ररूप से भी  उनकी संस्कृत काव्यकृतियों पर उच्च शोधकार्य सम्पन्न ।

* कुछ महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में उनकी संस्कृत कविताएं बीए पाठ्यक्रम में अन्तर्भुक्त । ओड़िशा के उच्च विद्यालय में उनकी संस्कृत कविता पाठ्यपुस्तक में स्थानित ।

* आन्तर्जातिक अनेक जीवनी-ग्रन्थों में परिचयात्मक विवरण प्रकाशित ।
* ओड़िशा साहित्य अकादेमी, भुवनेश्वर  के पूर्वतन सदस्य ।
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साहित्यिक एवं सांस्कृतिक अनुष्ठानों द्वारा सम्मान प्राप्त :
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* “गंगाधर सम्मान” (२००२): सांस्कृतिक परिषद, पाटनागड़. 

* “गंगाधर सारस्वत सम्मान” (२००२): गंगाधर साहित्य परिषद, बरपालि.

* “जयकृष्ण मिश्र काव्य सम्मान” (२००३): निखिलोत्कल संस्कृत कवि सम्मेलन, कटक.

* "विद्यारत्न प्रतिभा सम्मान” (२००५): 
    राज्यस्तरीय पण्डित नीलमणि विद्यारत्न स्मृति संसद, भुवनेश्वर.

* "अशोकचन्दन-स्मारक गंगाधर  सम्मान" (२००९): 
    राज्यस्तरीय स्वभावकवि गंगाधर स्मृति समिति, बरपालि  एवं 
    केदारनाथ कला साहित्य संसद, अम्बाभोना.

* "आचार्य प्रफुल्लचन्द्र राय स्मारक सम्मान" (२०१०):  
    अकादेमी अफ्‌ बेङ्गली पोएट्रि, कोलकाता.
 
* "हरिप्रिया-मुण्ड स्मारकी गंगाधर मेहेर सम्मान" (२०१०): 
    कवि गंगाधर मेहेर क्लब्, बरपालि.

* "डॉ.नीलमाधव-पाणिग्राही सम्मान" (२०१०): ['कोशली मेघदूत' पुस्तक के लिये],
    सम्बलपुर विश्वविद्यालय, ज्योतिविहार सम्बलपुर.

* "एवार्ड़् अफ् एप्रिसिएशन्" (जयदेव उत्सव -२००८): ओड़िशी एकाडेमी, लोधी मार्ग, नई दिल्ली.

* "वाचस्पति गणेश्वर रथ वेदान्तालङ्कार-सम्मान" (२०१३): 
    (विश्वसंस्कृत-दिवस-समारोह, पण्डित सम्मिलनी) -
    बालाजी मन्दिर सुरक्षा समिति, भवानीपाटना, ओड़िशा.

* "विश्वसंस्कृत-दिवस-सम्मान" (२०१३): 
     महाबीर सांस्कृतिक अनुष्ठान, भवानीपाटना, ओड़िशा.

* "एकाम्र सम्मान" (२०१८): 
    केदारनाथ गवेषणा प्रतिष्ठान, भुवनेश्वर.

* "गंगाधर मेहेर सम्मान" (२०१८): 
    गंगाधर मेहेर प्रतिष्ठान, भुवनेश्वर.

* "राज्यस्तरीय गंगाधर मेहेर स्मृति सम्मान" (२०२०): 
    गंगाधर मेहेर स्मृति समिति एवं राजज्योति सेवा समिति, टिटिलागड़, बलांगीर. 

* "सर्वश्री साहित्य सम्मान" (२०२१): सर्वश्री सबाखिआ साहित्य संसद, भवानीपाटना, ओड़िशा. 

* "गीतिसंस्कृत-महाकवि: राष्ट्रिय सम्मान" (२०२३): लोकभाषा प्रचार समिति, पुरी, ओड़िशा. 

* "व्यासभारती सम्मान" (२०२३): महर्षिव्यासदेव राष्ट्रीय प्राच्यविद्या-गवेषणा केन्द्र, राउरकेला,       ओड़िशा. 

* "कलाहाण्डि बरपुत्र सम्मान" (२०२४):  जिल्ला संस्कृति परिषद, कलाहाण्डि, भवानीपाटना,       ओड़िशा  (कलाहाण्डि उत्सव, घुमुरा-२०२४ के अवसर पर).

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मानपत्र सहित    

संवर्धना एवं अभिनन्दन प्राप्त : 
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* खरियार साहित्य समिति, राजखरियार (१९९८)
* गदाधर साहित्य संसद, कोमना (१९९८)
* सम्बलपुर विश्वविद्यालय, ज्योतिविहार (२०००)  
* शिक्षाविकाश परिषद, कलाहाण्डि (२००३)
* कलाहाण्डि लेखक कला परिषद, भवानीपाटना (२००३)
*अभिराम स्मृति पाठागार ट्रष्ट, भवानीपाटना (२००६)  
* उदन्ती महोत्सव, सिनापालि, नूआपड़ा (२०१२) 
* बनानी-कवि-सम्मिलनी, कलाहाण्डि-लेखक-कला-परिषद (२०१३)
* गंगाधर सारस्वत समिति, सिनापालि, नूआपड़ा (२०१६)
* निखिल ओड़िशा मेहेर भुलिआ समाज, सम्बलपुर (पद्मपुर महासभा, २०१८)
* सरकारी स्वयंशासित महाविद्यालय, संस्कृत विभाग, भवानीपाटना (२०१८) 

* महर्षिव्यासदेव राष्ट्रीय प्राच्यविद्या-गवेषणा केन्द्र, राउरकेला, ओड़िशा (२०२०) 

* माटिलग्ना साहित्य संसद, मालकानगिरि, ओड़िशा (२०२१)
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अध्यापना : 
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* १९८१ से ओड़िशा सरकार के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्त होकर ओड़िशा शिक्षा सेवा (ओ. ई. एस्.) में संस्कृत अध्यापक के रूप में योगदान । विभिन्न सरकारी महाविद्यालयों में अध्यापना ।
  सरकारी पञ्चायत महाविद्यालय,  बरगड़ (१९८१-१९८८); फकीरमोहन महाविद्यालय, बालेश्वर (१९८८-१९९२);
  सरकारी स्वयंशासित महाविद्यालय भवानीपाटना (१९९२-२०१२);  गंगाधर मेहेर स्वयंशासित महाविद्यालय, सम्बलपुर (२०१२-२०१४).

१९८१ से अध्यापक, १९८६ से वरिष्ठ अध्यापक, १९९४ से रीडर (ओईएस् -१, प्राध्यापक/उपाचार्य), १९९९ से वरिष्ठ उपाचार्य । 


 * गंगाधर मेहेर स्वयंशासित महाविद्यालय, सम्बलपुर में स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग के वरिष्ठ रीडर एवं विभागाध्यक्ष के रूप में कार्य सम्पादन करते हुए मई २०१४ में (ओड़िशा शिक्षासेवा-१) सेवा-निवृत्त । 
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* प्रमुख साहित्यिक कृतियाँ * 
प्रकाशित : (पुस्तक) 
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 (१) पीएच्‌. डी. शोधग्रन्थ “Philosophical Reflections in the Naisadhacarita”
(ISBN : 81-85094-21-7), पुन्थि पुस्तक, ३६/४बी, विधान सरणी, कोलकाता-४, १९८९. 

(२) नैषध-महाकाव्ये धर्मशास्त्रीय-प्रतिफलनम् (शोधपुस्तिका),
धर्मशास्त्र विभाग, श्रीजगन्नाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, पुरी, १९९४. 

(३) साहित्यदर्पण : अलंकार (ओड़िआ-संस्कृत व्याख्या सहित)
ISBN: 81-7411-12-7, विद्यापुरी, बालुबजार, कटक-२, १९९५. 

(४) श्रीकृष्ण-जन्म (मौलिक ओड़िआ कविता पुस्तक), १९७७.
(५) श्रीरामरक्षा-स्तोत्र (शिवरक्षा-स्तोत्र सहित ओड़िआ छन्दोबद्ध पद्यानुवाद),१९७७.
(६) शिवताण्डव-स्तोत्र (ओड़िआ पद्यानुवाद), १९७८.
(७) विष्णु-सहस्रनाम (ओड़िआ पद्यानुवाद), १९७८.
(८) गायत्री-सहस्रनाम (ओड़िआ पद्यानुवाद), १९८२.
       ५ से ८ प्रकाशक: बाणी भण्डार, ब्रह्मपुर, गञ्जाम, ओड़िशा.  

(९) मनोहर पद्यावली (संपादित), प्रकाशक: श्रीनारायण भरसा मेहेर, मनोहर कवितावास, सिनापालि, १९८५. 

(१०) मातृगीतिकाञ्जलि: (आधुनिक मौलिक संस्कृत गीतिकाव्य),
कलाहाण्डि लेखक कला परिषद, भवानीपाटना, १९९७. 

(११) तपस्विनी (स्वभावकवि गङ्गाधर मेहेर-कृत ओड़िआ तपस्विनी काव्य का सम्पूर्ण हिन्दी अनुवाद), सम्बलपुर विश्वविद्यालय, ज्योतिविहार, सम्बलपुर, ओड़िशा, २०००. 

(१२) Tapasvini of Gangadhara Meher (स्वभावकवि गंगाधर मेहेर के  'तपस्विनी' काव्य का सम्पूर्ण अंग्रेजी अनुवाद), ISBN: 81-87661-63-1, आर्. एन्. भट्टाचार्य, ए-१२७, एच्.वी. टाउन, सोदेपुर, कोलकाता-७००११०, २००९.

(१३) कोशली मेघदूत (महाकवि कालिदास-कृत मेघदूत काव्य का सम्पूर्ण कोशली गीत रूपान्तर), ISBN: 13-978-93-80758-03-9, तृप्ति प्रकाशन, भुवनेश्वर-७५१००२, ओड़िशा  २०१०. 

(१४) तपस्विनी (स्वभावकवि गङ्गाधर मेहेर-कृत ओड़िआ तपस्विनी काव्य का सम्पूर्ण संस्कृत अनुवाद), ISBN: 978-81-7110-412-3, परिमल पब्लिकेशन्स्, २७-२८ शक्तिनगर, दिल्ली-७, २०१२.

(१५) नैषधचरित-नवम सर्ग (महाकवि श्रीहर्ष-कृत संस्कृत महाकाव्य का ओड़िआ पद्यानुवाद), ISBN: 93-95807-36-9 //9789395807364, किताब भवन, एन्-६/४२८, आई-आर्-सी विलेज्, भुवनेश्वर-१५, ओड़िशा, २०२३. 

(१६) मेघदूत (महाकवि कालिदास-कृत संस्कृत काव्य का ओड़िआ पद्यानुवाद), ISBN: 93-95807-53-9 //9789395807531, किताब भवन, एन्-६/४२८, आई-आर्-सी विलेज्, भुवनेश्वर-१५, ओड़िशा, २०२३. 

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याजपुर, ओड़िशा के प्रसिद्ध मुखपत्र "बर्त्तिका" के विभिन्न दशहरा विशेषांकों में कुछ प्रसिद्ध संस्कृत काव्यों के डा. मेहेर-कृत ओड़िआ छ्न्दोबद्ध पद्यानुवाद प्रकाशित : (प्रकाशन वर्ष सूचित):

* नीतिशतक (भर्तृहरि), संपूर्ण, १९९५-९७.
* शृङ्गार-शतक (भर्तृहरि), संपूर्ण, १९९८ .
* वैराग्य-शतक (भर्तृहरि), संपूर्ण, १९९९.

* नैषधचरित-नवमसर्ग (श्रीहर्ष), २०००.

* रघुवंश (कालिदास):
प्रथम सर्ग - २०२४ * द्वितीय सर्ग - २००२ * तृतीय सर्ग -२०२१. * चतुर्थ-पंचम सर्ग - २०२३ *
षष्ठ-सप्तम सर्ग - २०१८.

* कुमारसम्भव (कालिदास): 
प्रथम सर्ग - २००५.
द्वितीय सर्ग - २००६. 
तृतीय-चतुर्थ सर्ग - २०१९.     
पञ्चम सर्ग - २००१.
षष्ठ सर्ग - २०२०.
सप्तम  सर्ग - २००४.
अष्टम सर्ग - २००९.

* ऋतुसंहार (कालिदास), संपूर्ण, २०१५. 

* मेघदूत (कालिदास), संपूर्ण, २०१७. 

* गीतगोविन्द (जयदेव), संपूर्ण, २०१६. 

* श्रीमद्भगवद्-गीता (व्यासदेव), संपूर्ण, २०२२. 

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* कोशली मेघदूत (कवि कालिदास के मेघदूत काव्य का संपूर्ण कोशली गीत अनुवाद), 'बर्त्तिका', दशहरा विशेषांक-२००३.
(बाद में २०१० में स्वतन्त्र पुस्तक रूप में प्रकाशित एवं सम्बलपुर विश्वविद्यालय द्वारा "डा. नीलमाधव-पाणिग्राही सम्मान"-२०१० से सम्मानित)  

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कविवर राधानाथ राय-कृत ओड़िआ कविता “बर्षा” का संस्कृत श्लोकानुवाद  (लोकभाषा-सुश्री: पत्रिका, पुरी, २००६).
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अप्रकाशित (मौलिक):
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संस्कृत में :  

* पुष्पाञ्जलि-विचित्रा (आधुनिक गीतिकाव्य)  

* स्वस्तिकविताञ्जलि: (आधुनिक गीतिकाव्य)  

* सारस्वतायनम् (शोध-प्रबन्धावली) 

* सौन्दर्य-सन्दर्शनम् (सौन्दर्यशास्त्र-विषयक काव्य) 

* सावित्रीनाटकम् 

* जीवनालेख्यम् (आधुनिक कविता संग्रह) 

* मौन-व्यञ्जना (आधुनिक कविता संग्रह) 

* अस्रमजस्रम् (आधुनिक कविता संग्रह) 

* हासितास्या वयस्या (हाइकु-सिजो-तान्का कविता संग्रह) 

* उत्कलीय-सत्कला (गीतिकाव्य) 

* स्तवार्चन-स्तवकम् (स्तोत्रकाव्य) 

* सूक्ति-कस्तूरिका (सूक्तिकाव्य) 

* मेहेरीय-छन्दोमाला (नव्यछन्द-विषयक कृति). 

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ओड़िआ में : 
* आलोचनार पथे (शोध-प्रबन्धावली)
* भञ्जीय काव्यालोचना 
* भञ्ज-साहित्यरे जगन्नाथ तत्त्व  
* घेन नैषध पराये
* ओड़िआ रीति-साहित्यरे दार्शनिक-चिन्तन
* निबन्धायन  
* कबिताबली
* शिखण्डीकाव्य
* ओडिशा वर्णमालार कृत्रिम समस्या
---- 
अंग्रेजी में : 
* Poems of the Mortals
* Glory (Research Articles and Essays)
----

हिन्दी में : 
* हिन्दी-सारस्वती (निबन्ध संग्रह)
* कुछ कविता-सुमन । 

कोशली में : कोशली गीतमाला । 
====

अप्रकाशित (अनुवाद) : 
-------

* संस्कृत से ओड़िआ : 
श्रीमद्‍भगवद्‍गीता, कुमारसम्भव, रघुवंश.
* संस्कृत से हिन्दी : मातृगीतिकाञ्जलि:  
* संस्कृत से अंग्रेजी : 
शिवताण्डव-स्तोत्र, गीतगोविन्द. 
* ओड़िआ से हिन्दी : 
कवि गङ्गाधर मेहेर-प्रणीत ‘प्रणय-वल्लरी’, ‘अर्घ्यथाली’, ‘कीचकवध’ काव्य. 
* ओड़िआ से अंग्रेजी : कवि गङ्गाधर मेहेर-कृत 'अर्घ्यथाली'.
" ओड़िआ से संस्कृत : कवि गङ्गाधरमेहेर-कृत प्रणयवल्लरी, अर्घ्यथाली । कविवर  राधानाथराय-कृत 'शरत' कविता. 

* हिन्दी से संस्कृत :
'चलचित्र-गीत-संस्कृतायनम्'
(हिन्दी चलचित्र गीतों के मूलस्वरानुसारी गायनानुकूल संस्कृतानुवाद)
====== 

विस्तृत जानकारी के लिए अंग्रेजी परिचय-पत्रिका द्रष्टव्य * 

Related Links : 

* Biodata in English : 
http://hkmeher.blogspot.in/2012/06/brief-biodata-english-dr-harekrishna.html 

* Biodata : (Hindi-English-Sanskrit-Odia) :
http://tapasvini-kavya.blogspot.in/2011/12/biodata-english-hindi-sanskrit-oriya-dr.html
--- 

Biodata : Hindi (New) : https://tapasvini-kavya.blogspot.com/2021/05/biodata-hindi-dr-harekrishna-meher.html 

आखर कलश : AakharKalash: Hindi E-magazine: Biodata: http://aakharkalash.blogspot.com/2010/05/blog-post_05.html?m=1

--- 

हरेकृष्ण मेहेर से एक साक्षात्कार : हिन्दी अनुवाद ( बर्त्तिका मुखपत्र में प्रकाशित) * 

Interview in Bartika Magazine (Hindi Version):  
http://hkmeher.blogspot.com/2017/11/interview-with-dr-harekrishna-meher-by.html?m=1
--- 

संस्कृत साहित्य को हरेकृष्ण मेहेर का अवदान : 
Contributions of Harekrishna Meher to Sanskrit Literature:
http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/04/contributions-of-drharekrishna-meher-to.html?m=1
--

साहित्यिक कृतियाँ : Literary Works of Dr. Harekrishna Meher : http://hkmeher.blogspot.com/2018/09/literary-works-of-dr-harekrishna-meher.html

साहित्यिक सम्मान एवं संवर्धना : Literary Awards and Felicitations to Dr. Harekrishna Meher: http://hkmeher.blogspot.com/2018/09/literary-awards-and-felicitations-to-dr.html

=== 

* कुछ पुस्तकों की छवि के लिये : Images of Some Books : 
http://hkmeher.blogspot.com/2010/06/images-of-main-books-of-harekrishna.html 

* विशेष विवरण के लिये द्रष्टव्य : 
Biodata : Works and Achievements : 
http://hkmeher.blogspot.com/2007/07/my-biodata.html  
 = = = = = = 

* सृजनगाथा : Srijangatha (Hindi e-magazine):
कवि गंगाधर मेहेर की कवितायें : https://web.archive.org/web/20101228215548/http://www.srijangatha.com/?pagename=Bhashantar2_May2K9
--------
* सृजनगाथा : Srijangatha (Hindi e-magazine):
कवि गंगाधर मेहेर -एक अमर प्रतिभा : https://web.archive.org/web/20101228214902/http://www.srijangatha.com/?pagename=Hastakshar_Jun2k9
-------
* सृजनगाथा : Srijangatha (Hindi e-magazine):
साहित्य में मूल्यबोध (लेख):  https://web.archive.org/web/20100531010150/http://www.srijangatha.com/Alekh6_Mar2k10
--------
* आखर कलश : तीन कवितायें : (परिचय सहित)* Aakhar Kalash (Hindi e-magazine): 
https://aakharkalash.blogspot.com/2010/05/blog-post_05.html
==== 

Other Links : 

Places where Works of Harekrishna Meher are discussed, cited, referrred, reviewed in Research and other fields : http://hkmeher.blogspot.com/2010/06/places-where-drharekrishna-meher-and.html 

* Research Articles Published : https://hkmeher.blogspot.com/2024/09/published-researh-articles-by-dr.html  

* Sanskrit Poems of Harekrishna Meher Published in Magazines and Journals https://hkmeher.blogspot.com/2024/11/sanskrit-poems-of-harekrishna-meher.html 

List of Journals, Magazines, Newspapers and Anthologies etc. wherein Articles of Harekrishna Meher are published : https://hkmeher.blogspot.com/2024/11/list-of-journals-magazines-newspapers.html 

Research Thesis and Articles written on Sanskrit Kavyas of Harekrishna Meher: https://hkmeher.blogspot.com/2024/10/research-woks-done-on-sanskrit-kavyas.html 

Articles (Other than Research Articles) of Dr.Harekrishna Meher Published : https://hkmeher.blogspot.com/2024/11/articles-other-than-research-articles.html

= = = = = = = = 

Interview with Dr. Harekrishna Meher: Published in ‘Bartika’ Magazine (2017): 
Hindi Version: Link : 

= = = = 

Interview with Dr. Harekrishna Meher: Sanskrit Saptahiki, All India Radio, New Delhi: 12 June 2021: 

http://hkmeher.blogspot.com/2021/08/interview-with-dr-harekrishna-meher-by.html

= = = = 

Interview with Dr.Harekrishna Meher: 'Saagar' Magazine (January 2022): Scanned Odia Pages : Link :  http://m.facebook.com/story.php?story_fbid=8005831109443028&id=100000486559190

* Hindi Version : हिन्दी रूपांतर : https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid0uTawnVH5PhJ89aoG8yErqcWYgjpJhptiX5ccBX6QzcUvANoLT72B6ZZzU3zqQQSol&id=100000486559190 

* Blog Link : http://hkmeher.blogspot.com/2022/08/interview-with-dr-harekrishna-meher.htm

= = = = = = = = 

Biodata Details : WORKS AND ACHIEVEMENTS : 
http://hkmeher.blogspot.com/2007/07/my-biodata.html

* Wikipedia (Free Encyclopedia ) - हरेकृष्ण मेहेर :
http://hi.wikipedia.org/wiki/हरेकृष्ण_मेहेर 

* Matrigitikanjalih (Sanskrit Gitikavya): Wikipedia : 
https://en.m.wikipedia.org/wiki/Matrigitikanjalih 

* Biodata (English-Hindi-Sanskrit-Odia) : 

* Youtube (meherhk) : https://youtube.com/user/meherhk 

Youtube (meherhk) Videos: https://youtube.com/meherhk/videos/      
  
Sanskrit Documents Site : 
(Poems of Harekrishna Meher) : https://sanskritdocuments.org/sanskrit/hkmeher/ 

Sanskrit Language Site : 
(Includes Links of HKMeher's Biodata and Blog, Tapasvini Blog, Poemhunter, Film Songs-Youtube etc.) : 
* Some Translated Poems of Harekrishna Meher from Vedic and Classical Sanskrit Literature) : 

The Lied and Art Song : https://web.archive.org/web/20100717115610/http://www.recmusic.org/lieder/get_texts.html?ContribId=632 

* * * 

= = = = = = = = 

Dr. HAREKRISHNA MEHER 
Retired Sr. Reader and Head, 
Post-Graduate Department of Sanskrit 
Gangadhar Meher Autonomous College (College with Potential for Excellence), SAMBALPUR - 768004. Orissa (India) 

* Mobile : + 91- 9437362962 
* e-mail : meher.hk@gmail.com / 
Blogsite : http://www.hkmeher.blogspot.com 

* * * 


Thursday, May 13, 2021

TAPASVINI MAHAKAVYA : Complete Sanskrit Version: Harekrishna Meher

Tapasvini Sanskrit Complete:
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http://hkmeher.blogspot.com/2021/05/tapasvini-mahakavya-sanskrit-version.html?m=1
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Tapasvini Sanskrit
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https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=5075364599156375&id=100000486559190
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SANSKRIT VERSION OF
TAPASVINI MAHAKAVYA
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* Tapasvini * Original Odia by:
Swabhavakavi Gangadhar Meher (1862-1924)
*
Complete Tri-lingual Hindi-English-Sanskrit Translations by: Dr. Harekrishna Meher
(All Published)
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HINDI Tapasvini
(Translated in 1983):
'तपस्विनी'
Publisher: Sambalpur University, Jyoti Vihar, Sambalpur, Odisha, 2000.
*
ENGLISH Tapasvini
(Translated in 1983):
'Tapasvini of Gangadhara Meher'
Publisher: R.N.Bhattacharya, Sodepur, Kolkata, 2009.
*
SANSKRIT Tapasvini
(Translated in 1997):
'तपस्विनी महाकाव्यम्'
Publisher: Parimal Publications, Shaktinagar, Delhi, 2012.
--------
All Three Translations are completely available on web.
Blogsite Link:
http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/05/complete-tapasvini-kavya-hindi-english.html
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SANSKRIT TAPASVINI :
Web-Link :
-
Praak-kathanam:
http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/05/sanskrit-tapasvini-praak-kathanam.html
*
Mukhabandha:
http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/04/sanskrit-tapasvini-preface.html
"
Research Article on Tapasvini:
http://hkmeher.blogspot.com/2011/07/gangadhara-mehers-tapasvini-sanskrit.html
*
Canto-1 :
http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/04/sanskrit-tapasvini-canto-1_6328.html
*
Canto-2 :
http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/04/sanskrit-tapasvini-canto-2.html
*
Canto-3 :
http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/04/sanskrit-tapasvini-canto-3.html
*
Canto-4 :
http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/04/sanskrit-tapasvini-canto-4_6.html
*
Canto-5 :
http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/04/sanskrit-tapasvini-canto-5.html
*
Canto-6 :
http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/05/sanskrit-tapasvini-canto-6.html
*
Canto-7 :
http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/05/sanskrit-tapasvini-canto-7.html
*
Canto-8 :
http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/05/sanskrit-tapasvini-canto-8.html
*
Canto-9 :
http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/05/sanskrit-tapasvini-canto-9.html
*
Canto-10 :
http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/05/sanskrit-tapasvini-canto-10.html
*
Canto-11 (Last):
http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2013/05/sanskrit-tapasvini-canto-11.html
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Enlarged Research Article Published in Sanskrit E-Journal *PRACHI PRAJNA* Volume-5, December 2018 :
कवि-गङ्गाधरमेहेर-कृतं तपस्विनी-महाकाव्यम् : एकमनुशीलनम् *
Link: (ARTICLE LINK given there):
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=3023916970967825&id=100000486559190
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A Beautiful Depiction of Dawn (Usha) in the pen of Prakriti-Kavi Gangadhar Meher: (मङ्गळे अइला उषा):
Link:
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=4948795725146597&id=100000486559190
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कवि गङ्गाधरमेहेर-प्रणीत ‘तपस्विनी’ महाकाव्य का
हरेकृष्णमेहेर-कृत संस्कृतानुवाद : एक समीक्षण
(Hindi Review Article Published in
‘DRIK’, Volume 28-29, 2012-2013, pages-42-49,
Drig Bharati, Yojana-3, Jhusi, Allahabad, Uttar Pradesh):
http://hkmeher.blogspot.com/2015/05/sanskrit-tapasvini-of-harekrishna-meher_14.html?m=1
* * *
Hindi-English-Sanskrit Articles on Tapasvini:
http://hkmeher.blogspot.com/2011/08/my-hindi-english-sanskrit-articles-on.html
====== 

Biodata : 

http://tapasvini-kavya.blogspot.com/2011/12/biodata-english-hindi-sanskrit-oriya-dr.html?m=1

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Friday, December 30, 2016

Beautiful Depiction of Dawn (Usha) in Tapasvini Kavya/Dr. HKMeher

Beautiful Depiction of Dawn (Usha)  
in Tapasvini-Kavya of Poet Gangadhar Meher
*
(Extracted from Tri-lingual Translations of Tapasvini
By  Dr. Harekrishna Meher) 
= = = = = = = = = = =
Original Odia Poem from Canto-IV
composed in mellifluous Chokhi-Raga :   
= = = = = = = = = = =
मङ्गळे अइला उषा   
बिकच-राजीब-दृशा
जानकी-दर्शन-तृषा 
हृदये बहि      
कर-पल्लबे नीहार-     
मुक्ता धरि उपहार
सतीङ्क बास बाहार  
प्राङ्गणे रहि  ।
कळकण्ठ-कण्ठे कहिला,
दरशन दिअ सति  ! राति पाहिला ॥ ()
*
अरुण कषाय बास     
कुसुम-कान्ति-बिकाश
प्रशान्त रूप बिश्वास 
दिअन्ति मने  ।  
केउँ य़ोगेश्वरी आसि    
मधुर भाषे आश्वासि
डाकुछन्ति दुःखराशि   
उपशमने  ।
देबा पाइँ नब जीबन,
स्वर्गुँ कि ओह्लाइछन्ति  मर्त्त्य भुबन ॥ ()  
*
समीर सङ्गीत गाए   
भ्रमर बीणा बजाए  
सुरभि नर्त्तने थाए   
उषा-निदेशे  ।  
कुम्भाटुआ होइ भाट   
आरम्भिला स्तब पाठ
कळिङ्ग अइला पाट-   
मागध बेशे  ।  
लळित मधुरे कहिला,
उठ सती-राज्य-राणि !  राति पाहिला ॥’ ()
*
= = = = = = = = = = = = = = 
Hindi Translation
= = = = = = = = = = = = = = 
समंगल आई सुन्दरी 
प्रफुल्ल-नीरज-नयना उषा, 
हृदय में ले गहरी 
जानकी-दर्शन की तृषा  ।  
नीहार-मोती उपहार लाकर पल्लव-कर में, 
सती-कुटीर के बाहर 
आंगन में खड़ी होकर  
बोली कोकिल-स्वर में,   
दर्शन दो, सती अरी  ! 
बीती  विभावरी ॥’ (१) 
*
अरुणिमा कषाय परिधान,  
सुमनों की चमकीली मुस्कान  
और प्रशान्त रूप मन में जगाते विश्वास : 
आकर कोई योगेश्वरी 
बोल मधुर वाणी सान्त्वनाभरी 
सारा दुःख मिटाने पास 
कर रही हैं आह्वान  ।  
मानो स्वर्ग से उतर  
पधारी हैं धरती पर  
करने नया जीवन प्रदान ॥ (२) 
*
गाने लगी बयार 
संगीत  तैयार   
वीणा बजाई भ्रमर ने,  
सौरभ लगा नृत्य करने  
उषा का निदेश मान  ।  
कुम्भाट भाट हो करने लगा स्तुति गान ।   
कलिंग आया पट्टमागध बन,   
बोला बिखरा ललित मधुर स्वन,    
उठो  सती-राज्याधीश्वरि ! 
बीती  विभावरी ॥’ (३) 
*
= = = = = = = = = = = = = = =   
English Translation
= = = = = = = = = = = = = = =    
Auspiciously came
Usha, the blooming lotus-eyed dame,  
in her heart cherishing keenly  
thirst for a vision
of the virtuous Janaki.  
Bearing dew-pearls as presentation  
in her hands of leafage,  
standing forward
in the outer courtyard
of Sita’s cottage,  
in cuckoo’s tone spake she,  
‘O Chaste Lady !
Deign to give your sight.  
Dawned the night.’ (1)  
*
The saffron costume  
of auroral shine,  
flowers’ smiling bloom  
and tranquil mien  
make a room  
in the mind to presume :  
Some goddess of yoga reaching the place,  
by sweet words giving solace  
calls to render relief  
from pangs of grief.  
From heaven on earth as if  
has descended to bestow a new life.  (2)  
*
Musical tune Zephyr sang swinging.  
Black Bee played on lute charming.  
By Usha’s bidding, in dance  
rapt remained Fragrance.  
Kumbhatua bird as a royal bard  
began to eulogize forward.  
As the panegyrist premier
Kalinga bird appeared there   
and spake in voice gracefully sweet,
‘Wake please,
O Queen of the empire of chaste ladies !  
Dawned the night.’ (3)  
*  
= = = = = = = = = = = = = = = 
Sanskrit Translation
= = = = = = = = = = = = = = = 
मङ्गलं समागता सौम्याङ्गना
उषा व्याकोषारविन्द-लोचना
वैदेही-दर्शनाभिलाषं वहन्ती स्वहृदये ।
पल्लव-कर-द्वये
नीहार-मौक्तिक-प्रकरोपहारं दधाना
सती-निलय-बहिरङ्गणे विद्यमाना
अभाषत कोकिल-कण्ठ-स्वना सूनरी,
दर्शनं देहि सति ! प्रभाता विभावरी ॥ (१)
*
अरुण-काषायाम्बरम्,
स्मितं सुमनसां विकस्वरम्,
प्रशान्त-रूपं च स्वान्ते जनयन्ति प्रत्ययम् :
काऽपि योगेश्वरी तत्रागत्य स्वयम्
सुमधुर-वचनैः सान्त्वनां प्रदाय
समाकारयति दुःखराशि-प्रशमनाय ।
नवीन-जीवन-दानार्थं सा ध्रुवम्
विद्यते त्रिदिव-भुवनादवतीर्णा भुवम् ॥ (२)
*
सङ्गीतं गायति स्म समीरणः,
भृङ्गो वीणा-वादन-प्रवणः ।
सुरभिरवर्त्तत नर्त्तन-तन्मया
उषाया अनुज्ञया  ।
वैतालिको भूत्वा कुम्भाट-विहङ्गः  
प्रारभत स्तुति-पठनम्  ।  
समागतो मागध-मुख्य-वेशः कलिङ्गः
प्रोवाच सुललित-मधुर-स्वनम्,
उत्तिष्ठ, सती-राज्याधीश्वरि !  
प्रभाता विभावरी ॥ (३)
= = = = = = = = = = = = = 
Ref : Complete Hindi-English-Sanskrit Versions of Tapasvini Kavya : 
* * *